दोस्तों,हमने संघर्ष शुरू कर दिया है, आप भी अपने-अपने शिक्षक संघों के भाइयों से कहें कि वो भी कमर कस लें। हवाओं में जोर है, संभलना पड़ेगा,
चिरागों से कह दो कि जलना पड़ेगा....
please 'double click 'on the scanned image of newspaer to read clearly..
Delhi Educationists for Legal and Teaching Assistance (Regd.)
एक रोचक जानकारी महात्मा गांधी के बारे में मिली है कि उन्होंने कुछ समय के लिए अंग्रेजों की फौज की एम्बुलेंस यूनिट में काम किया था। दक्षिण अफ्रीका में बोएर युद्ध के समय गांधीजी ने भारतीय गिरमिटिया मजदूरों के साथ फौज में काम किया। गांधीजी के बारे में यह दुर्लभ जानकारी भारत सरकार ने जारी की है। मैं यह जानकारी आप सभी बुद्धिजीवियों को भेज रहा हूँ।
Presently I am working on the needs required in making a remarkable change in our Indo-Franco Educational system, which is getting diluted and even getting diminished.
परिवर्तन के आन्दोलन की किसी भी शुरुआत के लिए, जो वास्तव में सृजन का क्षण होता है, गहरे जल में इस आस्था के साथ छलाँग लगानी पड़ती है कि कहीं न कहीं तो पैर टिकाने के लिए जमीन मिल ही जायेगी। दुनिया के महान आन्दोलनों का जन्म कहीं किसी छोटे से कमरे या कोने में बैठे दो चार व्यक्तियों के प्रयास से हुआ है। भीड़ में आन्दोलन पैदा नहीं होते। कुछ व्यक्तियों को ही अज्ञात गहराई में छलाँग लगानी पड़ती है।
विख्यात काकोरी केस के मुक़दमे में क्रांतिकारियों के खिलाफ पंडित जवाहरलाल नेहरू के सगे साले जगत नारायण मुल्ला सरकारी वकील थे। 'मुल्ला' उनका उपनाम था। बहस के दौरान उनकी जुबान से काकोरी के अभियुक्तों के लिए 'मुल्ज़िम' की बजाय 'मुलाज़िम' शब्द निकल गया। मुल्ज़िम अभियुक्त को कहते हैं और मुलाज़िम नौकर को। एक सरकारी नौकर का क्रांतिकारियों के लिए 'मुलाज़िम' शब्द कहना पंडित रामप्रसाद 'बिस्मिल' को अच्छा नहीं लगा। उन्होंने भरी अदालत में मुल्ला से कहा-
मैं हनुमान जी का भक्त हूँ और मैंने महसूस किया है कि इस सिद्ध-यंत्र द्वारा जीवन को सुखमय बनाया जा सकता है। यूँ तो धर्म एवं अध्यात्म नितांत व्यक्तिगत चीज़ है परन्तु भारतीय अध्यात्म की इन रहस्यमय चीज़ों को केवल महसूस ही किया जा सकता है।मैं किसी तरह की बहस में नहीं पड़ना चाहता पर अपना अनुभव था,इसलिए आप लोगों को भेज रहा हूँ। मैं प्रचार भी नहीं चाहता और आप लोगों का मन करे तो इसे वेबसाइट पर जगह दे दीजियेगा।